गिले-शिकवे दूर कर बंद कमरे में वीरभद्र-धूमल ने की मंत्रणा

शिमला
सीएम के सरकारी आवास ओकओवर में हुई सीक्रेट मीटिंग
पिछले दिनों से एक-दूसरे के खिलाफ तीखे जुबानी हमले कर रहे मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल ने बंद कमरे में लंबी मुलाकात की। यह मुलाकात मुख्यमंत्री के उस बयान के ठीक बाद हुई जिसमें उन्होंने दावा किया था कि केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा की नजर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है।

सीएम के सरकारी आवास ओकओवर में बुधवार को करीब एक घंटे तक दोनों नेताओं में मंत्रणा हुई। प्रदेश की राजनीति के इन दो ध्रुवों के इस मिलन से सियासी गलियारों में हलचल मच गई है। इस बैठक के कई मायने निकाले जा रहे हैं। हालांकि प्रेम कुमार धूमल और सरकार की ओर से इस बैठक को विधानसभा सत्र से पहले की सामान्य मुलाकात बताया जा रहा है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मुख्यमंत्री वीरभद्र से इस्तीफा मांगा था। इस पर मुख्यमंत्री ने मीडिया से कहा कि नड्डा की नजर हिमाचल के सीएम की कुर्सी पर है। इस बयान से भाजपा में काफी खलबली है क्योंकि अब तक भाजपा के खेमे से सीएम पद के अकेले दावेदार प्रेम कुमार धूमल रहे हैं। सीएम ने बड़ी चतुराई से इस दौड़ में नड्डा को भी शामिल कर लिया। इस बयान के अगले ही दिन धूमल बंद कमरे में सीएम से मिले। इसलिए कई तरह की चर्चाओं ने जन्म ले लिया।

बुधवार को मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आधिकारिक तौर पर न्यूजीलैंड सरकार के अधिकारियों और राज्य के बागवानी अफसरों की बैठक बुलाई थी। बैठक का समय 11 बजे तय था लेकिन सीएम सवा दस बजे ही ओकओवर पहुंच गए। इसके बाद प्रेम कुमार धूमल भी अचानक यहां पहुंचे। दोनों ने शिद्दत से हाथ मिलाए। फिर करीब साढ़े 10 बजे मुस्कुराते हुए दोनों अंदर कमरे में चले गए। करीब पौने 12 बजे दोनों नेता कमरे से बाहर आए और धूमल यहां से रवाना हो गए।

इन मुद्दों पर की चर्चा

इन मुद्दों पर की चर्चा
सूत्रों की मानें तो इस दौरान मुख्यमंत्री के बेटे और युकां के प्रदेशाध्यक्ष विक्रमादित्य भी कुछ देर के लिए मौजूद रहे। बागवानी की बैठक के लिए पहुंचीं मंत्री विद्या स्टोक्स भी बाहर इंतजार करती रहीं। वीरभद्र और धूमल की बैठक लंबी खिंचने के कारण बागवानी की बैठक पौने 12 बजे के बाद शुरू हो सकी।

ओकओवर के सूत्रों की मानें तो दोनों नेताओं ने आपसी गिले शिकवे दूर करने के साथ कई राजनीतिक मसलों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री के खिलाफ सीबीआई और ईडी की जांच और धूमल संपत्ति की विजिलेंस जांच को भी इससे जोड़ा जा रहा है। गौरतलब है कि सीबीआई और ईडी जांच के लिए वीरभद्र सार्वजनिक तौर पर धूमल और अनुराग का षड्यंत्र बताते रहे हैं।

छुट्टी के दिन शिमला में हुई वीरभद्र और धूमल की इस गुप्त बैठक का दोपहर को सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से मीडिया को एक फोटो भी रिलीज कर दिया गया। बताया गया कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने नेता प्रतिपक्ष के साथ आगामी विधानसभा सत्र के ठीक से चलाने पर बात की है।

नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि ओकओवर में उनकी सीएम वीरभद्र सिंह से केवल शीतकालीन सत्र पर ही चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि विधानसभा के शीत सत्र में विपक्ष की ओर सहयोग मांगा गया है। इस पर जब पिछले दिनों मुख्यमंत्री की ओर से आई बयानबाजी पर चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि अब ऐसा नहीं होगा।

धूमल ने कहा कि सरकार खुद डिस्टर्ब करेगी तो विपक्ष भी चुप नहीं बैठेगा। भाजपा महंगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, कर्मचारियों को लाभ जैसे मुद्दों पर ही चर्चा करेगी।

पिछले दिनों से कुछ यूं हो रहा घमासान

पिछले दिनों से कुछ यूं हो रहा घमासान
14 नवंबर- वीरभद्र: ईडी में केस दर्ज होने की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री ने रामपुर बुशहर में अंतरराष्ट्रीय लवी मेले के समापन समारोह में कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को अपनी जांच एजेंसियों पर भरोसा नहीं तो उनकी जांच एफबीआई से करवा लो।

भाजपा: भाजपा ने बयान जारी कर मुख्यमंत्री से कहा कि वे अब तो पद छोड़ें। कहा गया कि जांच को प्रभावित करने के लिए मुख्यमंत्री पद का दुरुपयोग कर सकते हैं। भाजपा ने बाकायदा ‘वीरभद्र हटाओ प्रदेश बचाओ’ अभियान को तेज करने की बात भी कही।

15 नवंबर- कांग्रेस: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बचाव में पूरी पार्टी उतर आई। कहा गया कि सीएम का बाल भी बांका नहीं कर सकते हैं विरोधी। धूमल के दबाव में अरुण जेटली ने ईडी में मामला दर्ज करवाया है। कांग्रेस पूरी मजबूती के साथ मुख्यमंत्री वीरभद्र के साथ खड़ी है।

भाजपा: कांग्रेस पर पलटवार करते हुए भाजपा ने कहा कि भ्रष्टाचार में डूबे सीएम कांग्रेस के लिए शर्म की बात है। वीरभद्र सिंह नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफा दें। भ्रष्टाचार के लिए दूसरों को दोष देना बंद करें, इससे गुनाह कम नहीं होंगे।

19 नवंबर- वीरभद्र: विपक्ष ने जो भी करना है कर ले, सरकार अपना काम करेगी। धर्मशाला में प्रस्तावित शीत सत्र को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा ठोस मुद्दे के बगैर सदन में हंगामा करती आ रही है।
धूमल: सीएम पर सीबीआई जांच के मामले में भाजपा का हाथ नहीं। पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि वीरभद्र पर सीबीआई जांच का मामला केंद्र की पूर्व यूपीए सरकार के समय का है।

21 नवंबर- वीरभद्र: पूरी केंद्र सरकार नहीं, एक-दो मंत्री मिले हैं धूमल से। रेणुका मेले के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं कार्रवाई से नहीं डरता, तत्परता से जनता की सेवा कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि विरोधियों के मंसूबे कभी पूरे नहीं होंगे।

धूमल/सत्ती: धूमल ने कांग्रेस नेताओं तो भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सत्ती ने सीधे मुख्यमंत्री पर हमला बोला। सत्ती ने कहा कि वीरभद्र सिंह के कई कंपनियों में शेयर हैं। उन्होंने कहा कि वीरभद्र बताएं कि उनके किन-किन कंपनियों में शेयर हैं।

22 नवंबर- वीरभद्र: मुख्यमंत्री ने सिरमौर के धौलाकुआं में आयोजित जनसभा में कहा कि षड्यंत्र रचकर मुझे पद से हटाने के प्रयास हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि केवल इनकम टैक्स मामले की देश की तीन बड़ी एजेंसियों से जांच कराई जा रही है।

23 नवंबर- वीरभद्र: कांगड़ा के ज्वालामुखी में आयोजित जनसभा में मुख्यमंत्री ने मोदी को आदरणीय बताया तो धूमल के कहने पर अनुराग-जेटली पर साजिश रचने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि धूमल के सीएम बनने के बाद राजनीति का स्तर गिर गया।
जेपी नड्डा: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने नई दिल्ली से प्रेस बयान जारी कर कहा कि वीरभद्र में जरा सी भी नैतिकता है तो इस्तीफा दें। उन्होंने वीरभद्र के बहाने सोनिया और राहुल गांधी पर भी बड़ा हमला बोला।

24 नवंबर- वीरभद्र: ज्वालामुखी दौरे के दूसरे दिन जनसभा के दौरान सीएम ने पलटवार करते हुए कहा कि नड्डा ने जो बयान दिया, वह उनकी सोची समझी राजनीति का हिस्सा है। लगता है कि जेपी नड्डा की नजर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है। भाजपा में मुख्यमंत्री पद के लिए रेस चल रही है।
अनुराग: सांसद अनुराग ठाकुर ने सीएम वीरभद्र सिंह पर हमला बोलते हुए कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी को चाहिए कि ऐसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री को पद से तुरंत हटाएं। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह ने सत्ता के तीन साल खुद को कानूनी कार्रवाई से बचने में ही गंवा दिए।

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